जीवन : सार-संक्षेप
मनुष्यमात्र सिर्फ अपनी गलतफहमियों के कारण ही सुखी या दुःखी होता है। जिसे कोई गलतफहमी नहीं होती, या जैसे ही किसी की सभी गलतफहमियाँ दूर हो जाती हैं वह बस धन्य हो जाता है।
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